SEBI का नया कंसल्टेशन पेपर: म्यूचुअल फंड्स बदलाव!

SEBI का नया कंसल्टेशन पेपर: म्यूचुअल फंड्स बदलाव!

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“SEBI” का नया कंसल्टेशन पेपर: म्यूचुअल फंड्स बदलाव!

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Image  credit-https://youtu.be/XKrdJoKXaGI?si=fJT6246JFkC9QzoP

हाल में भारतीय शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव आया है। इस बीच, SEBI ने म्यूचुअल फंड्स पर एक नया कंसल्टेशन पेपर जारी किया है। बहुत से लोग इस बारे में बात नहीं कर रहे हैं। 

लेकिन इस पेपर के दो बड़े फायदे हो सकते हैं:

  1. म्यूचुअल फंड्स में होने वाली धांधली पर रोक लगेगी।
  2. यह पेपर आपको यह जानने का मौका देगा कि कहीं आपने या आपके परिवार में किसी ने म्यूचुअल फंड तो नहीं खरीदी जिसकी कीमत अब करोड़ों में हो सकती है और आपको इसकी जानकारी नहीं थी।

चलो, इस कंसल्टेशन पेपर के बारे में और जानते हैं।

“SEBI” का नया प्लेटफार्म:“मित्र” & कंसल्टेशन पेपर

यह कंसल्टेशन पेपर SEBI एक नया प्लेटफार्म बनाने की योजना पर बात कर रहा है। इसका नाम मित्र है, जो म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट को ट्रैक करने में मदद करेगा। खासकर उन म्यूचुअल फंड्स के लिए जो या तो एक्टिव नहीं हैं या अनक्लेमड हैं।

 “मित्र” प्लेटफार्म का काम है:

  • **इनएक्टिव फोलियोस की पहचान करना:** ऐसे लोग होते हैं जिनके दादा-दादी ने म्यूचुअल फंड खरीदा था, लेकिन वो अब नहीं हैं। या फिर, कुछ लोग 20-30 साल पहले म्यूचुअल फंड खरीदकर भूल जाते हैं। ऐसे में, पिछले कई सालों से कोई ट्रांजैक्शन ना होने की वजह से इसे खोजना मुश्किल हो जाता है। मित्र प्लेटफार्म इन फंड्स को पहचानने में मदद करेगा।

 

  • **क्लेम प्रोसेस को आसान बनाना:** कई बार लोग भूल जाते हैं कि उन्होंने म्यूचुअल फंड खरीदी थी। जब ये फंड्स लाखों में बदल जाती हैं, तो क्लेम करने में दिक्कत होती है। मित्र प्लेटफार्म से लोग अपनी KYC डिटेल्स अपडेट कर सकेंगे। इससे फंड्स का क्लेम करना आसान हो जाएगा।

 

  • **फ्रॉड के मामलों पर रोक लगाना:** पुराने म्यूचुअल फंड्स में कभी-कभी फ्रॉड करने वाले लोग भी आ जाते हैं। वो फंड्स को रिडीम कर लेते हैं। मित्र प्लेटफार्म की मदद से, इन फोलियोस का ट्रैक रखना आसान होगा। इससे फ्रॉड की घटनाएँ कम होंगी।

    “म्यूचुअल फंड्स” से related  समस्याओं का निवारण 

    पुराने म्यूचुअल फंड फोलियोस के साथ बहुत सी दिक्कतें होती थीं। कई फंड्स तो कागज़ पर होते थे या फिर उनकी जानकारी सही से नहीं मिलती थी। इससे परिवारों को ये नहीं पता चलता था कि उनके माता-पिता या दादा-दादी ने कुछ अहम निवेश किए हैं। लेकिन अब मित्र प्लेटफार्म इस समस्या को हल करेगा।

     

    मित्र प्लेटफार्म का बढ़ावा.

    मित्र, यह प्लेटफॉर्म एमएफ सेंट्रल, एमएफ एएमसी वेबसाइट, कैम्स और केफिन टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर बनाया जाएगा। यह बहुत सुरक्षित होगा। इसमें साइबर सुरक्षा ऑडिट, आपातकालीन पुनर्प्राप्ति और बिजनेस कंटिन्यूटी प्लान जैसे स्टैंडर्ड भी शामिल हैं।

    कब होगा लॉन्च  ?

    SEBI ने कहा है कि दोस्ताना प्लेटफार्म का नया वर्जन जल्द ही आ रहा है। पहले दो महीने में इसका ट्रायल होगा। SEBI ने लोगों से सुझाव मांगे हैं। आखिरी तारीख 7 जनवरी है। अगर आपके पास कोई आइडिया है कि क्या नया जोड़ा जा सकता है, तो अपनी राय जरूर दें।

    निष्कर्ष

    SEBI का मित्र प्लेटफॉर्म म्यूचुअल फंड्स के पुराने फोलियोस को ढूंढने और क्लेम करने में मदद कर सकता है। इससे निवेशकों को अपने भूले हुए फंड्स का पता लगाना आसान होगा। इससे धोखाधड़ी की घटनाओं पर भी रोक लगने की उम्मीद है। अगर आपके पास इस प्लेटफॉर्म के बारे में कोई सुझाव है, तो 7 जनवरी तक अपनी राय जरूर बताएं।।

 

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