“GST काउंसिल” 55वीं बैठक संपन्न”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हाल ही में राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक आयोजित की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए। इन महत्वपूर्ण निर्णयों और चर्चाओं का विवरण हमें बताएं:
क्या है “GST काउंसिल” ?
GST परिषद एक संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना संविधान संशोधन अधिनियम, 2017 द्वारा अधिनियमित भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279ए(1) के तहत की गई है । इस समिति में केन्द्रीय वित्त मंत्री अध्यक्ष तथा सभी राज्यों के वित्त मंत्री सदस्य होते हैं। परिषद के निर्णय मुख्यतः सलाहकारी होते हैं, लेकिन सर्वसम्मति-आधारित दृष्टिकोण के कारण इनके व्यापक निहितार्थ होते हैं।
“GST काउंसिल” में निर्णय लेने की प्रक्रिया
- कोरम की जरूरत: किसी फैसले के लिए कम से कम 50% सदस्यों का होना जरूरी है।
- मत बांटने का तरीका:केंद्र सरकार के पास कुल मतों का 1/3 हिस्सा होता है।
- राज्यों के पास 2/3 मत होते हैं।
- फैसले के लिए मंजूरी: 75% बहुमत जरूरी है। इससे केंद्र और राज्यों के बीच अच्छा तालमेल बना रहता है।
“GST काउंसिल” बैठक की मुख्य बातें
- इलेक्ट्रिक वाहनों (EV ) को प्रोत्साहित करना
इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, इन वाहनों पर GST दर 5% रखी गई है, जो कि माल एवं सेवा कर की 28% दर से काफी कम है, तथा अतिरिक्त कर का उपयोग एसयूवी और लक्जरी कारों के लिए किया जाता है।
2. सेकंड-हैंड वाहन बाजार
- व्यक्तिगत लेनदेन: इन पर GST लागू नहीं होगा।
- व्यावसायिक लेनदेन: सेकंड-हैंड वाहनों पर GST को 12% से बढ़ाकर 18% किया गया है। यह कर केवल मार्जिन (खरीद मूल्य और बिक्री मूल्य के अंतर) पर लागू होगा।
- पॉपकॉर्न पर GST दरें
- पॉपकॉर्न के लिए GST दरें स्पष्ट कर दी गई हैं, जिससे ऑनलाइन काफी चर्चा हो रही है
- नमकीन या मसालेदार पॉपकॉर्न: 5% वैट.
- पैकेज्ड एवं लेबलयुक्त पॉपकॉर्न: 12% वैट.
- स्वादयुक्त पॉपकॉर्न (कारमेल, चॉकलेट, आदि): 18% वैट।
- आवश्यक वस्तुओं पर GST कम करें
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत फोर्टिफाइड चावल: वस्तु एवं सेवा कर (GST) को 18% से घटाकर 5% किया गया।
फ्लाई ऐश आधारित एएसी ब्लॉक: GST 12% निर्धारित किया गया। काली मिर्च या राल बेचने वाले किसान: प्रत्यक्ष बिक्री को GST से छूट दी गई है।
5 . बैंकिंग शुल्क
बैंकों और एनबीएफसी पर ऋण भुगतान में देरी के लिए जो पेनल्टी लगती है, उस पर कोई GST नहीं होगा। इससे लोगों की शिकायतों में कमी आएगी।
7 . क्षतिपूर्ति उपकर
राज्यों के GST राजस्व में कमी को संभालने के लिए क्षतिपूर्ति उपकर को बढ़ाने की बातें चल रही हैं। इसके लिए एक विशेष मंत्री समूह की सलाह का इंतजार है।
8 जीन थेरेपी और मिसाइलें
जीन थेरेपी और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों पर कोई GST नहीं लगेगा, क्योंकि उनकी जरूरत सभी मानते हैं।
9 .विमान टरबाइन ईंधन (एटीएफ)
एटीएफ GST और वैट के दायरे में नहीं आएगा तथा राज्यों और केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क लगाया जाता रहेगा। इस पर विचार-विमर्श के बावजूद एटीएफ को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के अंतर्गत लाने पर कोई सहमति नहीं बन पाई।
निम्न कुछ निर्णय का इंतजार है।
- आवास एवं भवन कर: फ्लोर एरिया इंडेक्स और संबंधित गतिविधियों पर कर लगाने का कोई समाधान नहीं।
- आपदा कर: मंत्री समूह आपदा प्रभावित राज्यों में 1 प्रतिशत का अतिरिक्त आपदा कर लगाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
- स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा: यद्यपि स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर 18% GST को कम करने या समाप्त करने की मांग की जा रही है , परन्तु अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
निष्कर्ष
55वीं GST काउंसिल बैठक में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। इनका मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। साथ ही, सेकंड-हैंड वाहनों पर टैक्स को आसान बनाना भी है। बैठक में जनता की चिंताओं पर भी ध्यान दिया गया। कुछ फैसले अभी बाकी हैं लेकिन चर्चा इससे साफ है कि काउंसिल राजस्व और लोगों के कल्याण के बीच संतुलन बनाए रखना चाहती है।