GST काउंसिल की 55 वें बैठक
23 दिसंबर को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में GST काउंसिल की 55वीं बैठक हुई। इस बैठक में कुछ अहम फैसले लिए गए। इनका मकसद कर दरों को सही करना और अर्थव्यवस्था में सुधार करना है।
जीवन &स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर छूट :GST काउंसिल की 55 वें बैठक
GST काउंसिल इस पर टैक्स दरें कम करने पर चर्चा कर रही है।
टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जो प्रीमियम भरे जाते हैं, उन पर पूरी तरह से GST नहीं लगेगा।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर भी छूट हो सकती है।
5 लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसियों पर GST नहीं लगेगा।
पर 5 लाख से ऊपर वाली पॉलिसियों पर 18% GST लगेगा।
GST काउंसिल बैठक में लक्ज़री सामान और सिन गुड्स पर टैक्स बढ़ने पर निर्णय है।
काउंसिल ने सिगरेट, तंबाकू और शीतल पेय जैसे सिन गुड्स पर जीएसटी को 28% से बढ़ाकर 35% करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा, 25,000 रुपये से ज्यादा की घड़ियों और 15,000 रुपये से ज्यादा के जूतों पर जीएसटी को 18% से बढ़ाकर 28% करने की योजना है।
कपड़ों पर जीएसटी में भी बदलाव हो रहा है। 1,500 रुपये तक के रेडीमेड कपड़ों पर 5% जीएसटी लगेगा।
1,500 से 10,000 रुपये तक की कीमत के कपड़ों पर 18% जीएसटी होगा। 10,000 रुपये से ज्यादा के कपड़ों पर 28% जीएसटी लगेगा।
ईंधन और विमानन उद्योग
बैठक में चर्चा हुई कि विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) को GST में शामिल किया जाए। ऐसा करने से एयरलाइन का खर्च कम हो सकता है।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और नए बदलाव
फूड डिलीवरी जैसे स्विगी और ज़ोमैटो पर GST को 18% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है। लेकिन इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं होगा।
पुराने और छोटे पेट्रोल और डीजल वाहनों पर GST को 12% से बढ़ाकर 18% करने का सुझाव दिया गया है।
शिक्षा और रोजमर्रा की चीजें
हाल ही में कुछ बदलावों पर चर्चा हुई है। 20 लीटर या उससे बड़े पानी के पैकेज पर GST को 18% से घटाकर 5% करने का सुझाव दिया गया है।
इसी तरह, 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर GST को 12% से घटाकर 5% करने का भी विचार है। उसके अलावा, व्यायाम notebooks पर GST को 12% से घटा कर 5% करने की भी सिफारिश की गई है।
GST मुआवजा उपकर के लिए जो मंत्री समूह बना है, उसकी रिपोर्ट अब जून 2025 तक आएगी।
निष्कर्ष
GST काउंसिल के नए फैसले का मकसद है कर सिस्टम को आसान बनाना। इससे उद्योगों की लागत घटेगी। उपभोक्ताओं को भी मिलने वाली राहत देखने को मिलेगी। बीमा और स्वास्थ्य सेवाओं में जो छूट दी गई है, वो आम लोगों के लिए फायदेमंद होगी। दूसरी ओर, लक्ज़री चीज़ों और सिन गुड्स पर टैक्स बढ़ाकर सरकार अतिरिक्त पैसे जुटाने की कोशिश कर रही है।